1. मराठों के उत्कर्ष का महत्वपूर्ण कारण क्या था ?
नोट्स :- मराठा साम्राज्य के संस्थापक " शिवाजी " थे।
2. गोरिल्ला युद्ध की जानकारी किस शासक को थी ?
नोट्स :- मराठा शासको का क्रम :- शाहजी भोसले (शिवाजी के पिता) -> शिवाजी(मराठा साम्राज्य के संस्थापक)-> शंम्भाजी -> राजाराम -> शिवाजी II
3. शिवाजी प्रशासन मे पेशवा किसे कहा जाता था ?
नोट्स :- शिवाजी के पिता :- शाहजी भोसले
शिवाजी की माता :- जीजाबाई
शिवाजी के आध्यात्मिक गुरु :- समर्थ रामदास
शिवाजी के राजनीतिक गुरु :- दादाजी कोण्डदेव
शिवाजी की माता :- जीजाबाई
शिवाजी के आध्यात्मिक गुरु :- समर्थ रामदास
शिवाजी के राजनीतिक गुरु :- दादाजी कोण्डदेव
4. " दास बोध " के रचनाकार कौन थे ?
नोट्स :- " दास बोध " के रचनाकार शिवाजी के आध्यात्मिक गुरु समर्थ रामदास थे ।
5. मराठा वंश के दूसरे संस्थापक के रूप मे किसे जाना जाता है ?
6. शिवाजी को तोप किसने प्रदान की थी ?
7. शिवाजी का राज्याभीषेक कहा हुआ था ?
8. शिवाजी को मुगलों ने कैद करके कहा रखा था ?
9. शिवाजी ने किस संधि के साथ ही मुगलों को किले हस्तांतरित किये थे ?
" पुरंदर की संधि " महाराजा जायसिंह (मुगल सेनापति) और शिवाजी के बीच हुई थी।
नोट्स :- शिवाजी की मौत के बाद शिवाजी के पुत्र राजाराम और शंम्भाजी मे उत्तराधिकारी बनने के लिए युद्ध हुआ था।
जिसमे शंम्भाजी विजयी हुआ था।
जिसमे शंम्भाजी विजयी हुआ था।
10. शिवाजी का उत्तराधिकारी कौन था ?
11. शंम्भाजी का उत्तराधिकारी कौन था ?
नोट्स :- राजाराम की मौत मुगल शासक औरंगजेब से लड़ते हुए होने के बाद राजाराम की पत्नी ताराबाई ने अपने 4 वर्षीय पुत्र शिवाजी II को उत्तराधिकारी बनाया था ।
शिवाजी II की उम्र कम होने के कारण ताराबाई ने ही इसका संरक्षण किया था ।
शिवाजी II की उम्र कम होने के कारण ताराबाई ने ही इसका संरक्षण किया था ।
12. राजाराम की हत्या किसने की थी ?
13. राजाराम का उत्तराधिकारी कौन था ?
14. " खेड़ा का युद्ध " किसके बीच हुआ था ?
नोट्स :- " खेड़ा का युद्ध " ताराबाई ओर साहू जी के बीच हुआ था।
जिसमे साहू जी विजयी हुआ था। जिसके बाद मराठा सम्राजन पर पेशवाओ का शासन शुरू हुआ।
जिसमे साहू जी विजयी हुआ था। जिसके बाद मराठा सम्राजन पर पेशवाओ का शासन शुरू हुआ।
15.पेशवा साहू जी ने अपना राज्याभिषेक कहा से करवाया था ?
नोट्स:- पेशवाओ का क्रम :-
साहू जी -> बालाजी विश्वनाथ -> पेशवा बाजीराव -> बाजीराव प्रथम (मस्तानी का प्रेमी) -> बालाजी बाजीराव (अन्य नाम नाना साहब) ->.......->बाजीराव II (अंतिम पेशवा)
साहू जी -> बालाजी विश्वनाथ -> पेशवा बाजीराव -> बाजीराव प्रथम (मस्तानी का प्रेमी) -> बालाजी बाजीराव (अन्य नाम नाना साहब) ->.......->बाजीराव II (अंतिम पेशवा)
16. पनीपत की तीसरी लड़ाई किसके बीच हुई थी ?
नोट्स :- पनीपत की तीसरी लड़ाई पेशवा बाजीराव के सेनापति सदाशिव राव भाऊ ओर अहमदशाह आबदली के बीच पनीपत मे 1761 मे हुआ था।
जिसमे अहमदशाह आबदली की जीत हुई थी ।
पनीपत की तीसरी लड़ाई भयानक का परिणाम :-
लडाई खत्म होने के साथ ही 40000 तीर्थयात्रियों जो मराठा सेना के साथ उत्तर भारत यात्रा करने के लिए गये थे उनको पकड़ कर उनका कत्लेआम करवा दिया। पानी पिला पिला कर उनका वध कर दिया गया। एक लाख से ज्यादा लोग युद्ध मे मारे गए।
यह बात जब पुणे पहुंची तब बालाजी बाजीराव को गुस्से का ठिकाना नहीं रहा वह बहुत बड़ी सेना लेकर वापस पनिपत की ओर चल पड़े थे,जब अहमद शाह अब्दााली को यह खबर लगी, तो उसने खुद को रोक लेना ही सही समझा। क्योंकि उसकी सेना में भी हजारों का नुकसान हो चुका था, और वह सेना वापस अभी जो भी नहीं लड सकती थी। इसलिए उसने 10 फरवरी,1761 को पेशवा को पत्र लिखा कि "मैं जीत गया हूं, और मैं दिल्ली की गद्दी नहीं लूगा, आप ही दिल्ली पर राज करें मैं वापस जा रहा हूं।"
अब्दााली का भेजा पत्र बालाजी बाजीराव ने पढ़ा और बालाजी बाजीराव वापस पुणे लौट आये । परंतु थोड़े ही दिनों में 23 जून 1761 को उनकी मौत हो गई डिप्रेशन के कारण क्योंकि इस युद्ध में उन्होंने अपना पुत्र और अपने कई सारे महान मराठा सरदारों को खो दिया था।
जिसमे अहमदशाह आबदली की जीत हुई थी ।
पनीपत की तीसरी लड़ाई भयानक का परिणाम :-
लडाई खत्म होने के साथ ही 40000 तीर्थयात्रियों जो मराठा सेना के साथ उत्तर भारत यात्रा करने के लिए गये थे उनको पकड़ कर उनका कत्लेआम करवा दिया। पानी पिला पिला कर उनका वध कर दिया गया। एक लाख से ज्यादा लोग युद्ध मे मारे गए।
यह बात जब पुणे पहुंची तब बालाजी बाजीराव को गुस्से का ठिकाना नहीं रहा वह बहुत बड़ी सेना लेकर वापस पनिपत की ओर चल पड़े थे,जब अहमद शाह अब्दााली को यह खबर लगी, तो उसने खुद को रोक लेना ही सही समझा। क्योंकि उसकी सेना में भी हजारों का नुकसान हो चुका था, और वह सेना वापस अभी जो भी नहीं लड सकती थी। इसलिए उसने 10 फरवरी,1761 को पेशवा को पत्र लिखा कि "मैं जीत गया हूं, और मैं दिल्ली की गद्दी नहीं लूगा, आप ही दिल्ली पर राज करें मैं वापस जा रहा हूं।"
अब्दााली का भेजा पत्र बालाजी बाजीराव ने पढ़ा और बालाजी बाजीराव वापस पुणे लौट आये । परंतु थोड़े ही दिनों में 23 जून 1761 को उनकी मौत हो गई डिप्रेशन के कारण क्योंकि इस युद्ध में उन्होंने अपना पुत्र और अपने कई सारे महान मराठा सरदारों को खो दिया था।
0 टिप्पणियाँ
if you have doubt any question ask in comment.